पूर्वी दिल्ली । लक्ष्मी नगर के एक घर में रहने वाली बुजुर्ग महिला पार्वती चटर्जी की उम्र 63 साल है उनकी अचानक तबियत खराब हो गई उनके पड़ोसी उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए जहाँ उन्हें इलाज नहीं मिला बल्कि जीबी पंथ रेफर कर दिया गया । जब पड़ोसियों ने पंथ हॉस्पिटल में बात की तो उन्होंने कहा कि जेस्टोलोगी की इमेरजेंसी नही है। फिर लोग शनिवार को पार्वती को घर लेकर आ गए।
इसी बीच क्षेत्रीय एसडीम ( प्रीत विहार ) राजेंद्र कुमार को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने डीएम सोनिका सिंह से चर्चा की उन्होंने बिना समय गवाएँ त्वरित कार्यवाही करने का आदेश दिया और रविवार की सुबह सिविल डिफेंस की टीम उनकी सहायता के लिए उनके घर पर पहुंच गई। सिविल डिफेंस की टीम के अवतार सिंह और कविता भल्ला पार्वती को एम्बुलेंस में लोक नायक हॉस्पिटल ले गई जहां उन्हें दाखिल करने से मना कर दिया उसके बाद प्रिंसिपल हेल्थ सेक्रेट्री मनीषा सक्सेना और स्पेशल हैल्थ सेक्रेटरी कुलानंद जोशी ने अपने अथक प्रयासों से उन्हें लोक नायक अस्पताल में भर्ती करवाया ।
रविवार की शाम 4:00 बजे जब एसडीएम राजेंद्र कुमार बुजुर्ग महिला पार्वती का हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे तो बुजुर्ग महिला की आंखों से आसुँ बहने लगे और वह भर्राए गले से एसडीएम से बोलीं की तुम एसडीएम नहीं मेरे बेटे हो ।
इस घटना से जनता में यही बात हो रही है कि आज के दौर में भी इंसानियत जिंदा है तो सिर्फ इस तरह के ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों की वजह से ।