6 महीने बाद निकली कब्र से लाश

अलीगढ़

बच्चों ने बताया मां, मामाओं ने पैसों को लेकर की अबू की हत्या, पोस्टमार्टम कर पता लगाई जाएगी मौत की सच्चाई

ना जीते जी चैन मिला ना मरने के बाद मिला सुकून आखिर क्यों निकाली गई 6 महीने बाद कब्र से लाश जी हां अलीगढ़ जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां 6 महीने पहले कब्रिस्तान के अंदर कब्र में दफनाई गई डेडबॉडी को कब्र से 6 महीने बाद पत्नी और सालों पर हत्या करने के शक में बाहर निकाला गया। बच्चों ने अपने पिता की मौत के कुछ दिन बाद अपनी दादी और परिवार के लोगों को अपनी मां और मामाओं द्वारा रुपयों को लेनदेन को लेकर अपने अबू की हत्या करने की बात बताई गई। बच्चों द्वारा पिता की हत्या की बात पता चलने पर मृतक के मां के द्वारा डीएम को दिए गए प्रार्थना पत्र पर मृतक की डेडबॉडी कब्रिस्तान से निकलवा कर पोस्टमार्टम करने के निर्देश दिए गए। डीएम द्वारा अधिकारियों को दिए गए निर्देश के बाद कब्रिस्तान की कब्र के अंदर 2 अक्टूबर को दफनाए गए शव को एक बार फिर जमीन की कब्रगाह से बाहर निकाला गया। 6 महीने पहले मौत की नींद सोने वाले यासीन जावेद के शव का डॉक्टरों के पैनल द्वारा वीडियोग्राफी कराई जाएंगी। फिर डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कर मौत की सच्चाई का पता लगाया जाएगा। कि आखिर यासीन जावेद की मौत दिमाग की नस फटने से हुई या फिर पत्नी और सालों ने जहर देकर उसको मौत की नींद सुलाया था।

प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि थाना क्वार्सी क्षेत्र के शहंशाह बाद कॉलोनी निवासी 45 वर्षीय मृतक यासीन जावेद की मौत 2 अक्टूबर 2021 को हुई थी। तब मृतक के परिजनों ने यासीन जावेद का शव कब्रिस्तान में दफन कर दिया था। लेकिन मौके कुछ दिन बाद मृतक के परिजनों को उसकी पत्नी और सालों पर उसकी हत्या करने का शक पैदा हुआ। इसके बाद परिजनों ने सीआरपीसी की धारा 176 के तहत डीएम को मृतक यासीन जावेद का पोस्टमार्टम कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। जिस पर डीएम द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए आदेश दिया गया। उसी आदेश के क्रम में प्रशासनिक अधिकारी सहित क्वार्सी थानाध्यक्ष की मौजूदगी में कब्रिस्तान की कब्र से यासीन जावेद के डेड बॉडी को निकाला जा रहा है। कब्रिस्तान निकाली गई डेड बॉडी का डॉक्टरों के गठित पैनल द्वारा वीडियोग्राफी कराते हुए पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

मृतक के परिवार के लोगों की माने तो 6 महीने पहले उसकी पत्नी और सालों ने जहर देकर उसकी हत्या की गई थी। हत्या करने की बात कुछ दिन बाद मृतक के बच्चों से पता चली। जिस पर मृतक के डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराने के लिए डीएम को प्रार्थना पत्र दे दिया। उस वक्त पत्नी ने और सालों ने उनसे झूठ बोला कि उसके दिमाग की नस फट गई। हालांकि 28 से 30 घंटे उसके डेड बॉडी को सालों और पत्नी ने घर के अंदर रखे रखा। बच्चों ने बताया था की ढाई से तीन लाख रुपये उनके अब्बू के मामा को दिए थे। अब्बू मामा से अपने रुपए वापस मांग रहे थे। रुपये वापस करने को लेकर झगड़ा हुआ फिर उसकी पत्नी और सालों ने जहर देकर मार दिया।

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