21 की उम्र से पहले बनाएं संबंधों पर लगनी चाहिए पाबंदी

21 की उम्र में लड़कियों की शादी:

AMU में AIMIM के अध्यक्ष प्रो- बशीर अहमद का 21 साल की उम्र पर बयान में कहा- कि लिविंग रिलेशन पर भी पाबंदी लगनी चाहिए।शादी से पहले लड़कियों का लड़को या मर्दों के साथ फिजिकल रिलेशन जुर्म होना चाहिए । लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करके सरकार ने लड़कियों के लिए दरवाजा खोल दिया। 21 साल से पहले लड़कियां शादी तो नहीं करेंगी। लेकिन शादी से पहले लड़कियां लड़को ओर मर्दों के साथ मौज मस्ती का संबंध खूब बनाएगी।लेकिन लड़कियों के पर 21 साल से पहले संबंध बनाने पर न जुर्म हैं न कोई पाबंदी है।

महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2020 को लड़कियों की शादी की उम्र के इस प्रस्ताव की घोषणा करते हुए इसकी जानकारी दी थी। देश में पुरुषों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल है।

तो वही महिलाओं के लिए 18 साल है। PM मोदी ने महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र बढ़ाने के फैसले को लड़कियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी बताया गया था।

लेकिन अब सवाल है कि लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल होने पर कोई ऐसा कानून भी बनाया जाना चाहिए कि शादी से पहले कोई भी लड़की किसी भी लड़के या मर्द के साथ अपने शारीरिक ताल्लुकात स्थापित नहीं करनी चाहिए। जिसके लिए भी कानून पारित होना चाहिए। सरकार द्वारा पारित किया जा रहा। यह कानून तभी सफल होगा। जब 21 साल से पहले लड़कियों द्वारा किसी भी मर्द या लड़के के साथ शारीरिक संबंध न बनाए जाए।

अगर 21 साल से पहले लड़कियां लड़को या मर्दों के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करें तो लड़कियों के इन संबंधों को कानूनी जुर्म माना जाए और लड़कियों को 21 साल से पहले संबंध बनाने पर सजा होनी चाहिए।लेकिन अभी भारत में महिलाओं की शादी की उम्र 18 वर्ष और पुरुषों की 21 वर्ष है। कानून में बदलाव के बाद अब महिला और पुरुष दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष हो जाएगी।

जहां देश में लड़कियों के लिए शादी की उम्र 18 वर्ष थी जिसको अब बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। शादी की उम्र 21 वर्ष किए जाने को लेकर एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि हिंदुस्तान के कानून लड़के और लड़कियां कई बार लिव इन रिलेशनशिप में साथ रहने के बावजूद शादी नहीं करते हैं। जबकि कोर्ट ने भी लिव इन रिलेशनशिप मंजूरी दे दी है। लेकिन ऐसे में लड़के और लड़की साथ रहे और उनके बच्चे हो जाए तो फिर क्या किया जाएगा। लिव इन रिलेशनशिप में   लोगों को कानून की समझ नहीं है। क्योंकि आरएसएस के लोग मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है।

ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार को कोई ऐसा भी कानून बनाना चाहिए कि लड़कियों द्वारा लड़कों के साथ 21 साल से पहले बनाए गए अवैध शारीरिक संबंध कानूनी जुर्म होगा। जिसके लिए कानून बनना चाहिए। जिससे की लड़कियां शादी के 21 साल होने से पहले किसी भी लड़के या मर्द से लिविंग रिलेशनशिप सहित साथ में रहकर लड़कियां शारीरिक संबंध ना बना सके।

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