आंकड़ा न होना जितना निर्लज्ज बहाना है, मुआवजा न देना उतनी ही क्रूरतापूर्ण हुज्जत है। सरकार की नाक के नीचे सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हुए इतने लोग मारे गए!
इससे इतर, ये तीन काले कानूनों से जो खतरे पैदा होने थे, वे तो टल गए, लेकिन फायदा क्या हुआ?
यूपी में किसान अपना धान अब भी 1100-1200 में बेचने पर मजबूर हैं। गन्ने का बकाया नहीं मिल रहा है। लखीमपुर में बकाया लेने के लिए 9 दिन से धरना चल रहा है। एमएसपी अब भी नहीं मिल रहा है।
एक सनक भरे फैसले ने 700 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। कायदे से विपक्ष को प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगना चाहिए। ऐसा व्यक्ति जो बेतहाशा देश की संपत्तियां बेच रहा हो, जिसने बेरोजगारी और गरीबी 50 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया हो, उसका देश की बागडोर संभालना ही देश के लिए सबसे खतरनाक है।
यूपी में किसान 1100-1200 में बेचने पर मजबूर हैं अपना धान गन्ने का बकाया लेने को 9 दिन से चल रहा है धरना
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