चारधाम यात्रा 2021: योग बदरी मंदिर पहुंची देवडोलियां

योग बदरी पांडुकेश्वर में विराजी आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, श्री उद्धव जी श्री कुबेर जी की डोली  

22 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, श्री नृसिंह बदरी मंदिर जोशीमठ में विराजमान होंगी

 योग बदरी पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह बदरी में संपन्न होंगी परंपरागत रूप से शीतकालीन पूजाएं

 कल प्रात: द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट  शीतकाल हेतु बंद होंगे

संवाददाता

श्री बदरीनाथ धाम,  21 नवंबर।

आज प्रात:आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी,  श्री उद्धव जी , श्री कुबेर जी की डोली ने रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित गढ़वाल स्काउट के बैंड के भक्तिमय धुनों की स्वर लहरियों के बीच पांडुकेश्वर/ जोशीमठ हेतु प्रस्थान किया। इस अवसर पर संपूर्ण बदरीनाथ धाम जय बदरीविशाल की जयघोष से गूंज उठा। उल्लेखनीय है कि 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद किए गये। जबकि चारधामों में श्री केदारनाथ,  श्री गंगोत्री,  श्री यमुनोत्री धाम के कपाट पहले ही बंद हो चुके हैं। अब शीतकालीन गद्दी स्थलों में पूजा-अर्चना संपन्न होंगी।

देवडोलियां दिन में 12.30 बजे श्री योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंची स्थान स्थान पर देवडोलियों का भव्य स्वागत हुआ। श्री उद्धव जी,  श्री कुबेर जी सहित श्री रावल जी एवं आदिगुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी इस तरह योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंची।  श्री उद्धव जी,  श्री कुबेर जी योग बदरी पांडुकेश्वर में विराजमान हुए। आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी जी के साथ प्रात: पांडुकेश्वर से कल दिन तक श्री नृसिंह बदरी जोशीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ पांडुकेश्वर एवं जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी। आज श्री बदरीनाथ धाम से डोली पांडुकेश्वर प्रस्थान के अवसर तथा देव डोलियों के साथ रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी,  उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी बी.डी. सिंह,  धर्माधिकारी  भुवन चंद्र उनियाल,   राजेंद्र चौहान, पुजारी परमेश्वर डिमरी थाना प्रभारी बदरीनाथ सत्येंद्र सिंह, गिरीश रावत, विनोद डिमरी,, डा. हरीश गौड़,  सहित  बड़ी संख्या में साधु संत , तीर्थयात्री मौजूद रहे देवडोलियों के जत्थे के साथ सेना, आईटीबीपी, ग्रेफ, एसडीआरएफ तथा तीर्थयात्रियों, स्थानीय हक हकूकधारियों, तीर्थपुरोहितों के वाहन शामिल थे।  देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी  डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि परंपरागत रूप से उत्तराखंड चार धामों में श्री केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजा शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ, तथा श्री यमुनाजी जी की शीतकालीन पूजा खरसाली( खुशीमठ) तथा श्री गंगोत्री धाम की मुखबा ( मुखीमठ) में शुरू हो गयी है। इस यात्रा वर्ष कोरोनाकाल की चुनौतियों के बीच पांच लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम पहुंचे है।

कल प्रात: द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट बंद हो जायेंगे। जबकि 25 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। परंपरागत मद्महेश्वर मेला मुख्य रुप से इसी दिन आयोजित होगा।

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