उत्तराखंड के होनहार युवा मुख्यमंत्री ने एक दिल्ली की पत्रिका को 72 लाख रूपये का एक मुस्त विज्ञापन दिया है । जिसमें टेक्स / जीएसटी भी नहीं काटा गया है। बिल में जबकि जीएसटी/ टेक्स काटा जाना चाहिए। (खबर मानक हिंदी मासिक पत्रिका) दिल्ली की बताई जा रही है।
जब भड़ास2मिडिया तक ये खबर लगी की 7 लाख का विज्ञापन बिना टेक्स के (खबर मानक हिंदी मासिक पत्रिका) को मिला है तो भड़ास2मिडिया के सम्पादक संजय कश्यप ने फोन पर बात की और पूछा की आपकी पत्रिका को विज्ञापन मिला है और जीएसटी नहीं कटा है तो उलटा एक ब्रजेश मधुकर नाम का व्यक्ति सुचना विभाग की कहानी बताने लगा की विभाग से बात करो क्यों नहीं काटा
उन्होंने जीएसटी और बोलने लगा की में आजतक में एडिटर हु पर जब बाद में पता चला की ये 7 लाख का नहीं ये तो 72 लाख का विज्ञापन इस पत्रिका को दिया गया है भड़ास के सम्पादक ने सुचना विभाग के एक कर्मचारी को फोन किया तो कर्मचारी ने कहा की जीएसटी तो काटा जाता है कुछ ना कुछ झोल है
उत्तराखंड में चाटुकार दलालों का बोलबाला है। मुख्यमंत्री आवास से लेकर सचिवालय के चतुर्थ तल तक? केवल ईमानदारी का चोला पहनने वाले सत्ता के पर्दों पर बैठे हुए राज्य की जनता के टैक्स के पैसों को किस तरह लुटाए जा रहे है। उत्तराखंड सुचना विभाग के दलाल अधिकारियों की सैटिंग गैटिंग के जरिए यह सब हुआ है। उत्तराखंड में जांच कर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे युवा जोश लुटने वाले मुख्यमंत्री उत्तराखंड को नहीं चाहिए। यह टैक्स चोरी भी है ,जीएसटी जमा नहीं किया गया है। टैक्स चोरी का मामला है। विभाग पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
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